दलित ख़बर ब्यूरो

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के एक दिन बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’देने की घोषणा की है. ‘भारत रत्न’ देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. मोदी सरकार ने इसकी घोषणा ठाकुर की 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले की.

कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’देने की घोषणा राष्ट्रपति भवन ने मंगलवार को जारी एक बयान में की.

क्या कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने?

इस घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का पुरोधा बताते हुए कहा कि ये निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है. उन्होंने एक्स पर लिखा,”मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है कि पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी ठाकुर की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है.

इस घोषणा के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने खुशी जताई है. नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सालों पुरानी मांग आज पूरी हुई है.

नीतीश कुमार ने क्या कहा?
नीतीश ने एक्स पर लिखा,”पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है.केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है.स्व.कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों,वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा.”

उन्होंने लिखा, “हम हमेशा से ही स्व. कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं.वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है.”

वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बताया कि उन्होंने बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’देने की मांग की थी.

वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से विभूषित करने का फैसला देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उनके जयंती समारोह के मौके पर लिया है.ये ऐतिहासिक है.मुझे इस बात का हर्ष है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की लोकसभा सीट उजियारपुर का मैं पिछले 10 सालों से प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. यह सम्मान और गौरव उजियारपुर की जनता के साथ-साथ राज्य के 13 करोड़ लोगों का सम्मान है.”

कर्पूरी ठाकुर सरकार के फैसले

नाई जाति के कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी, 1924 को बिहार के समस्तीपुर के पितौंझिया में हुआ था. उनके जन्मस्थान को अब कर्पूरीग्राम के नाम से जाना जाता है.वो 1967 बिहार के उपमुख्यमंत्री और 1971 में मुख्यमंत्री बने थे. उन्हें उनके जनहित के फैसलों के लिए जाना जाता है. उपमुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने अंगरेजी की अनिवार्यता खत्म की. मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने मुंगेरीलाल कमीशन लागू कर सरकारी नौकरियों में आरक्षण का रास्ता साफ किया. उनके इस फैसले का सवर्ण समुदाय ने काफी विरोध किया.

जननायक कर्पूरी ठाकुर का 17 फरवरी, 1988 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.

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