मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद)जिले में कुछ लोगों ने एक मजार को भगवा रंग में रंग दिया. इससे वहां तनाव फैल गया.लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर हालात का जायजा  लिया. बाद में लोगों ने चंदा कर मजार पर फिर से हरा रंग पुतवाया. इस इलाके में यह इस तरह की दूसरी घटना है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस इस मामले में लापरवाही बरत रही है. लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने इन मामलों में कार्रवाई नहीं की तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे.
 
घटना के विरोध में लामबंद हुए लोग
 
यह मामला नर्मदापुरम जिले के बाबई थाना क्षेत्र के सेमरी हरचंद रोड पर स्थित दरगाह का है. दरगाह की दीवारों और गुंबद पर शनिवार रात कुछ लोगों ने भगवा रंग पोत दिया. इसकी जानकारी रविवार सुबह तब हु, जब दरगाह की देखरेख करने वाले वहां पहुंचे.उन्होंने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी.इस कदम से नाराज लोगों ने विरोध जताते हुए सेमरी हरचंद रोड पर जाम लगाया. 
दरगाह के भगवा रंग में रंगे जाने की खबर पाकर वहां पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारी.
 
जाम की सूचना पाकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने समझा-बुझाकर धरना खत्म कराया. स्थानीय लोगों ने आपस में चंदा कर दरगाह पर फिर से हरा रंग पुतवाया.  
 
अधिकारियों को कार्रवाई के लिए 3 दिन का समय दिया
 
इस मामले में पिपरिया की हसनी हुसैनी सोसायटी ने सेमरी हरचंद के अनुविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौपा. इसमें इस मामले में कार्रवाई की मांग की गई है.कार्रवाई के लिए सोसायटी ने 3 दिन का समय दिया है. 
दरगाह की दीवारों और गुंबद पर पोता गया भगवा रंग.
 
हसनी हुसैनी सोसायटी के महानगर अध्यक्ष फरजान अहमद ने ‘दलित खबर’ को बताया कि इलाके में इस तरह की यह दूसरी घटना है. उन्होंने बताया कि करी6 15 दिन पहले पचमढी के देनवा दर्शन दरगाह में भी इस तरह की घटना हुई थी. उन्होंने बताया कि उनकी सोसायटी ने उस मामले में पुलिस को लिखित में शिकायत की थी. लेकिन पुलिस ने आजतक कोई कार्रवाई नहीं की. उनका कहना था कि पुलिस की लापरवाही से ही ऐसी घटना दुबारा हुई है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने अगर पचमढ़ी मामले में कार्रवाई की होती तो  यह घटना नहीं होती.
 
मध्य प्रदेश में बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं
 
फरजान ने बताया कि सोसायटी ने कार्रवाई के लिए पुलिस को 3 दिन का समय दिया है. उन्होंने पुलिस 3 दिन में कोई कार्रवाई नहीं करती है तो आसपास के जिलों के हजारों लोग भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे. 
पिपरिया के हसनी हुसैनी सोसायटी की ओर से सौंपा गया ज्ञापन.
 
मध्य प्रदेश के लिए इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं.वहां पिछले कुछ समय से सांप्रदायिक हिंसा में तेजी देखी जा रही है. इंदौर के आसपास के इलाकों में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के अभियान के दौरान भी सांप्रदायिक हिंसा की बड़ी घटनाएं हुई थीं. इन मामलों में खास बात यह रही कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर लीपा-पोती करने का काम किया. 
 

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