दलित ख़बर ब्यूरो

प्राकृतिक धन संपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ में पिछले कई दशक से नक्सलवादी आंदोलन चल रहा है.इस हथियारबंद लड़ाई में दोनों तरफ के हजारों लोगों की जान जा चुकी है. इसके समाधान के लिए छत्तीसगढ़ में नई चुनी गई बीजेपी सरकार ने नक्सलियों से बिना शर्त बातचीत का प्रस्ताव दिया है. सरकार के इस प्रस्ताव पर नक्सलियों ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है. लेकिन उन्होंने वार्ता की कुछ शर्तें रखी हैं.

बीजेपी सरकार का प्रस्ताव

राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पिछले दिनों नक्सलियों को बातचीत का प्रस्ताव दिया था.इस प्रस्ताव पर नक्सलियों ने कहा है कि वे सीधी या वर्चुअल तरीके बातचीत के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही नक्सलियों ने बातचीत के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं. उनकी मांग है कि सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ के नाम पर आदिवासियों की हत्याएं बंद करें.सशस्त्र बलों को अगले छह महीने के लिए बैरकों थाना और कैम्पों में रखा जाए और राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए.

छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार नक्सल प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी परियोजनाएं पहुंचाने के लिए ‘नियद नेल्लानार योजना’ शुरू करने वाली है.

नागरिक समाज ने किया स्वागत

सरकार के प्रस्ताव और नक्सलियों की प्रतिक्रिया का छत्तीसगढ़ के नागरिक समाज ने स्वागत किया है.छत्तीसगढ़ की चितिंत नागरिक समिति ने
कहा है कि छत्तीसगढ़ में लंबे समय से जारी हिसा को खत्म करने की दिशा में यह एक सराहनीय कदम है. इस हिंसा से आम जनता खासकर आदिवासी समाज त्रस्त है.

समिति का कहना है कि यह जरूरी है कि प्रदेश में शांति वार्ता की संभावना के लिए पहले उचित माहौल बनाया जाए. जिससे नक्सलियों और सरकार के बीच बातचीत जल्द से जल्द शुरू हो सके.

समिति का कहना है कि वार्ता के लायक माहौल बनाने के लिए सरकार पहले कुछ निर्दोष बंदियों की रिहाई की जाए. समिति का कहना है कि पिछली सरकारों ने आयोग बनाए थे, लेकिन उन पर अधिक काम अब तक नहीं हुआ है.उस पर काम शुरू किया जाए. नौजवानों के भविष्य को देखते हुए समिति ने दोनों पक्षों से कम से कम तीन महीने तक यथास्थिति बनाए रखने की अपील समिति ने की है.इस दौरान दोनों पक्ष एक दूसरे पर ऐसी कार्रवाइयों को स्थगित रखें जिससे किसी की जान जाए.

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