जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्पाल मलिक (Satya Pal Malik) ने पुलवामा (Pulwama Attack) हमले को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने 14 फरवरी 2019 को हुए इस हमले को सुरक्षा चूक और इंटेलिजेंस की नाकामी बताया है. मलिक ने यह बात वरिष्ठ पत्रकार करण थापर (Karan Thapar) को दिए इंटरव्यू में कही है. उन्होंने दावा किया है कि सीआरपीएफ (CRPF) ने जवानों को ले जाने के लिए गृह मंत्रालय से विमान मांगे थे,जो उन्हें नहीं दिए गए थे.उनका कहना है कि जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को इस हमले की जानकारी दो तो उन्होंने चुप रहने की सलाह दी. इस इंटरव्यू में उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर भी कई दावे किए हैं.

सीआरपीएफ के जवानों के लिए कितने विमान मांगे गए थे

सत्यपाल मलिक ने करण थापर से कहा,”सीआरपीएफ ने उनके लोगों को लाने-ले जाने के लिए एयरक्राफ्ट मांगा था,क्योंकि इतना बड़ा काफिला कभी रोड से नहीं जाता.होम मिनिस्ट्री से पूछा, उन्होंने देने से मना कर दिया.” उन्होंने आगे कहा, अगर मुझसे पूछते तो मैं एयरक्राफ्ट देता उनको,कैसे भी देता.केवल पांच एयरक्राफ्ट की जरूरत थी.उनको एयरक्राफ्ट नहीं दिया गया.”

मलिक ने दावा किया,”मैंने यह बात प्रधानमंत्री को बताई कि ये हमारी गलती से हुआ है.अगर हम एयरक्राफ्ट दे देते तो ये नहीं होता तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम अभी चुप रहो.” उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी उनसे यही बात कही थी.

कश्मीर में कैसे घूमती रही विस्फोट से भरी गाड़ी

उन्होंने कहा कि हमारी गलती यह रही कि जिस रास्ते से जवानों के काफिले को जाना था, उसे सेनेटाइज नहीं किया गया. उस रास्ते पर करीब 10 रास्ते आकर मिलते हैं. लेकिन किसी पर भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे. उन्होंने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में विस्फोटक लेकर एक गाड़ी 10-12 दिन तक कश्मीर के गांवों में घूमती रही लेकिन हम उसे पकड़ नहीं पाए. उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की बड़ी नाकामी बताया.

मलिक का कहना था कि पुलवामा में हुए हमला सिस्टम की ‘अक्षमता’ और ‘लापरवाही’ का नतीजा था.उन्होंने इसके लिए सीआरपीएफ और केंद्रीय गृह मंत्रालय को जिम्मेदार बताया. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में हुए इस हमले के लिए राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे. वो इस समय रक्षा मंत्री का दायित्व निभा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार से कितनी नफरत है

भ्रष्टाचार के सवाल पर मलिक ने कहा,”मैं सेफली कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री जी को करप्शन से बहुत नफरत नहीं है.” उन्होंने कहा,”नरेंद्र मोदी जी के बारे में मेरी वो ओपिनियन नहीं है जो सारी दुनिया की है.मैं जब भी उनसे मिला,ही इज वेरी इलइन्फॉर्म्ड पर्सन, उनको कोई जानकारी नहीं है. मस्त हैं अपने में..टू हेल विद इट..जो हो रहा है.” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री या सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर उठाए गए एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया है.

बीजेपी के इस नेता ने लोकसभा में राहुल गांधी को न बोलने देने और उनका माइक ऑफ कर देने को ऐतिहासिक घटना बताया. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए. राहुल गांधी को अपनी बात रखनी देने चाहिए थी.

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