पश्चिम बंगाल के कोलकाता के प्रसिद्ध सेंट जेवियर्स कॉलेज से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. वहां काम करने वाली एक महिला गार्ड ने कॉलेज के अधिकारी पर मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. जिस अधिकारी पर महिला ने आरोप लगाया है उसकी उम्र करीब 70 साल है. महिा का आरोपी है कि अधिकारी उसका पिछले करीब पांच साल से शोषण कर रहे हैं. दलित समाज से आने वाली इस महिला ने इसके खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. यह महिला 2017 से इस कॉलेज में काम कर रही है.

किस अधिकारी पर है आरोप

रानी बागड़ी (बदला हुआ नाम) कोलकाता के न्यूटाउन स्थित सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी में 2017 से ठेके पर सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रही हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय के लाइसेन ऑफिसर गोपाल प्रसाद गुप्ता पर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई है.

राष्ट्रीय महिला आयोग में बागड़ी ने इस साल चार जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. आयोग ने कहा है कि महिला को 10 दिन में एक वकील उपलब्ध करा दिया जाएगा. आयोग का कहना है कि वकील का नंबर शिकायतकर्ता को दिया जाएगा. आयोग ने कहा है कि इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा. महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी अधिकारी ने कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर मेरा शोषण किया. उनका आरोप है कि आरोपी अधिकारी कभी-कभी मुझे मेरी जाति के आधार पर भी गाली देता है.

पीड़ित महिला ने क्या आरोप लगाए हैं

पीड़ित महिला का दावा है कि सेंट जेवियर्स यूनिवर्सिटी में काम शुरू करने के कुछ महीनों के भीतर ही गुप्ता ने उसके साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया था. महिला ने बताया,”मैंने बेहतर काम की तलाश में 2017 में अपना घर छोड़ दिया. मैं मूल रूप से पश्चिम बंगाल के बशीरहाट जिले की निवासी हूं. मुझे और मेरे परिवार को पैसों की जरूरत थी.मैंने अपने पति और बच्चे को कोलकाता में काम करने के लिए घर पर छोड़ दिया था. मुझे नहीं पता था कि यह जीवन के सबसे दुखद अनुभवों में से एक बन जाएगा.”

इस महिला ने 2017 में एक निजी सुरक्षा एजंसी के जरिए यूनिवर्सिटी में काम करना शुरू किया.उन्होंन बताया,”मेरे पास आय का कोई बड़ा स्रोत नहीं था. मेरे पति की भी तबीयत ठीक नहीं है. मुझे (गुप्ता की मांगों के आगे) झुकना पड़ा. मुझे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना सहनी पड़ी की कहीं वो मुझे बेंच न दें. जब भी मैं उनका विरोध करती थी, वो मेरा काम छीन लेते थे.”

हर तरह से प्रताड़ित किया

महिला ने आगे आरोप लगाया कि गुप्ता ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. उन्होंने बताया कि कई बार गुप्ता ने यह भी कहा कि मेरे जैसा काम करने वाला कोई दूसरा नहीं है. लेकिन उसने मुझे नौकरी से निकालने की धमकी देकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू किया.

चर्च के फादर ने भी नहीं की कोई मदद

इस दलित महिला ने आरोप लगाया है कि गुप्ता ने विश्वविद्यालय के कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर उसका शोषण भी किया. उन्होंने बताया,”यह सब मेरे लिए असहनीय हो गया. मेरे कार्यस्थल का माहौल बहुत जहरीला हो गया था. मैंने आगे आकर इस यातना के बारे में सेंट जेवियर्स,न्यूटाउन के फादर से शिकायत करने का फैसला किया. उन्होंने बताया कि जब मैंने फादर से अपनी परेशानी बताई तो उन्होंने थोड़ी चिंता दिखाते हुए कहा कि जैसा चल रहा है, वैसा ही रहने दो,नहीं तो मुझे यहां से हमेशा के लिए हटा दिया जाएगा. उन्होंने यहां तक कहा कि यह बात मैं किसी और को न बताऊं.

पीड़ित महिला ने बताया कि इसके बाद मैं एक गैर सरकारी संगठन ‘सिंह वाहिनी’के प्रमुख देवदत्त माझी के संपर्क में आई. इतनी जलालत सहने के बाद मुझे एक ऐसा इंसान मिला, जिसने न मेरे दर्द को सुना बल्कि मेरी परवाह भी की.उन्होंने बताया कि माझी के प्रयासों से मैंने पुलिस से पुलिस से संपर्क कर पाई. उन्होंने कहा कि वो अब दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का इंतजार कर रही हैं.

रानी ने बताया कि उनके साथ काम करने वाले लोगों को शायद इस बात का अंदाजा था कि बंद कमरे के पीछे क्या चल रहा है. लेकिन कोई भी मेरे बचाव में सामने नहीं आया. सबको अपने नौकरी की परवाह थी. उन्हें आशंका है आरोपी अधिकारी ने उनकी बड़ी बहन का भी शोषण किया है.

देवदत्त माझी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के आम नागरिकों की तरह रानी भी अधिकारियों के पास जाने से डरती थी. इसलिए इतने दिनों तक चुप रही. उन्होंने कहा कि इसमें जाति और धर्म का भी एंगल हो सकता है. लेकिन इस तरह के मामलों पर टिप्पणी करना जरा जल्दबाजी होगी.

वहीं पीड़ित महिला का कहना है कि वो बस इतना चाहती हैं कि आरोपी अधिकारी को अधिक से अधिक सजा मिले.उसने मेरे साथ जो किया है,उसके लिए उसे अधिकतम सजा मिले. मैं जागरूकता पैदा करना चाहती हूं ताकि गुप्ता द्वारा किसी और लड़की का शोषण न हो.

क्या कहना है आरोपी अधिकारी का?

वहीं इन आरोपों के जवाब में गोपाल प्रसाद गुप्ता ने बताया,”इस महिला द्वारा मुझे ब्लैकमेल किया जा रहा है. वह मुझसे 18 लाख रुपये की मांग कर रही है. गुप्ता ने आरोप लगाया कि उसने उसे अपने मोबाइल फोन पर कुछ अश्लील वीडियो बनाने के लिए मजबूर किया,जिसका इस्तेमाल वह उनके खिलाफ कर रही है.” गुप्ता ने मामले को राजनीतिक रंग देने की भी कोशिश की. दावा किया जा रहा है कि बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. गुप्ता ने कहा,”पिछले हफ्ते,मैंने कालीघाट पुलिस स्टेशन और टेक्नोसिटी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.”

यह कहानी वेबसाइट फर्स्टपोस्ट पर प्रकाशित हुई थी. वहां से साभार लेकर इसे प्रकाशित किया जा रहा है.

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