Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) ने शुक्रवार को इसको लेकर एक अधिसूचना जारी.दरअसल गुजरात के सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानी (Criminal Defamation)के एक मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. हालांकि इसके बाद अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए फैसले के खिलाफ बड़ी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने का समय दिया था.राहुल की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस ने जनआंदोलन चलाने की घोषणा की है
किस कानून के तहत गई सदस्यता
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के दिन 23 मार्च, 2023 से संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिया जाता है. वह अब अलगे आठ साल तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. लोकसभा सचिवालय ने यह कदम संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत उठाया है.
अनुच्छेद 102(1) और 191(1) के अनुसार अगर संसद या विधानसभा का कोई सदस्य, लाभ के किसी पद को लेता है, दिमागी रूप से अस्वस्थ है, दिवालिया है या फिर वैध भारतीय नागरिक नहीं है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी.इसके अलावा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है. इस कानून के जरिए आपराधिक मामलों में सजा पाने वाले सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है.
राहुल की सदस्यता जाने के बाद अब कांग्रेस क्या करेगी
लोकसभा सचिवालय के इस फैसले के बाद से कांग्रेस ने आक्रामक रुख अपनाया है. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे देश में ‘जन आंदोलन’ चलाने की घोषणा की है. इसको लेकर नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के बड़े नेताओं ने एक बैठक की. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक यह आंदोलन सोमवार से शुरू होगा. रमेश ने बताया कि हम देश के सामने जाकर कहेंगे कि मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के कारण राहुल गांधी को जानबूझ कर अयोग्य घोषित किया गया है.कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के आंदोलन बनने और अदानी मामले पर उनके सवालों से बौखला गई है.
राहुल गांधी की किस टिप्पणी पर सुनाई है गुजरात की अदालत ने सजा
गुजरात के सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को 2019 में दर्ज ‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया है. अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि, अदालत ने बाद में राहुल गांधी को जमानत दे दी. राहुल गांधी को एक महीने के लिए जमानत और इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की इजाजत दी गई है. इस मामले में पेश होने के लिए राहुल गांधी गुरुवार सुबह ही सूरत पहुंचे. अदालत में राहुल ने कहा था कि उन्हें जो सजा सुनाई जाएगी, वो उन्हें मंजूर होगी.
यह केस भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था.इस मामले में राहुल गांधी ने अक्तूबर 2021 में अपना बयान दर्ज कराया था.राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी के सिलसिले में दर्ज किया गया है,जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था,”क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?” उनके इस बयान के खिलाफ बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी. राहुल ने यह टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा में की थी.