दलित ख़बर ब्यूरो

बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में अपने तीन उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इससे उसके विपक्षी इंडिया गंठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम लग गया है. ये तीनों लोकसभा सीटें हैं, मुरादाबाद, अमरोहा और पीलीभीत. पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा है कि बसपा यह चुनाव अपने दम पर लड़ेगी. हालांकि उसकी तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के साथ गठंधन की बातचीत चल रही है. हालांकि यह गठबंधन केवल तेलंगाना के लिए होगा.

उत्तर प्रदेश में बसपा की तैयारी

बसपा ने उत्तर प्रदेश से अपने तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है.बसपा ने मुरादाबाद सीट से इरफान सैफी, अमरोहा से मुजाहिद हुसैन और पीलीभीत सीट से अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को टिकट दिया है. बसपा ने 2019 के चुनाव में इनमें से एक सीट अमरोहा पर जीत दर्ज की थी. अमरोहा से जनता दल सेक्युलर छोड़कर आए कुंवर दानिश अली ने जीत दर्ज की थी. लेकिन बीते साल पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें अमरोहा से उम्मीदवार बनाएगी.

बसपा ने 2019 के चुनाव में सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, लालगंज, घोसी, जौनपुर और गाजीपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. बसपा ने वह चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ा था. सपा केवल पांच सीटें ही जीत पाई थी. हालांकि बसपा के अधिकांश सांसद इस बार उसका साथ छोड़ चुके हैं. वे दूसरे दलों से चुनाव लड़ने की फिराक में हैं.

मुरादाबाद का समीकरण

मुरादाबाद में बसपा ने ठाकुरद्वारा नगर पालिका के अध्यक्ष इरफान सैफी को अपना उम्मीदवार बनाया है.सैफी राइस मिल चलाते हैं. मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर बसपा ने दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने की तैयारी की है.मुरादाबाद लोकसभा सीट में करीब 21 लाख वोटर हैं.इनमें दलित वोटरों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख दलित है. वहीं मुसलमान वोटरों की संख्या करीब नौ लाख है.

अमरोहा से बसपा ने कुंवर दानिश अली की जगह मुजाहिद हुसैन को उम्मीदवार बनाया है. वे गाजियाबाद के डासना के रहने वाले हैं.उनकी पत्नी डासना से नगर पालिका की अध्यक्ष है.बाहरी प्रत्याशी होने की वजह से उनका विरोध भी हो रहा है.

वरुण गांधी से मुकाबला करेंगे फूल बाबू

बसपा ने पीलीभीत सीट से अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को उम्मीदवार बनाया है. फूल बाबू जिले की बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. वे बसपा सरकार में मंत्री भी रहे हैं. बसपा ने उन्हें 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी टिकट दिया था. लेकिन दोनों बार उन्हें तीसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा था.फूल बाबू के फिर मैदान में आने से पीलीभीत का मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है.अभी वहां से बीजेपी के वरुण गांधी सांसद है. उन्हें इस बार टिकट मिलेगा कि नहीं, इस पर अभी संशय है. वहीं सपा ने इस सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा अभी नहीं की है.

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