दलित खब़र ब्यूरो
पूर्वी उत्तर प्रदेश में माफिया से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी का दिल का दौरा पड़ने से गुरुवार शाम निधन हो गया.वो उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सजा काट रहे थे.वे उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से करीब 25 साल तक लगातार विधायक रहे.इस समय उनके बेटे वहां से विधायक हैं. उनके मौत की जानकारी जेल प्रशासन ने दी.पोस्टमार्टम के बाद उनका शव सड़क मार्ग से गाजीपुर लाया जा रहा है.
बांदा जिला जेल में बंद मुख्तार अंसारी को तबियत बिगड़ने के बाद गुरुवार शाम रानी दुर्गावाती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था.
क्या कहना है सरकार का
मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, “63 साल के मुख्तार अंसारी को जेल के सुरक्षाकर्मियों ने मेडिकल कॉलेज के इमर्जेंसी वॉर्ड में शाम 8.45 बजे भर्ती कराया गया था.उन्हें उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में लाया गया था.”
बुलेटिन में कहा गया है कि मरीज को नौ डॉक्टरों की टीम ने तत्काल मेडिकल सहायता उपबल्ध कराई, लेकिन भरसक प्रयासों के बावजूद ‘कार्डियक अरेस्ट’ की वजह से उनकी मौत हो गई.
इससे पहले मंगलवार को भी उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था.
उत्तर प्रदेश में सुरक्षा कड़ी
मुख्तार अंसारी की मौत की पुष्टि होने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई. मुख्तार अंसारी के गृह जनपद,मऊ समेत कई इलाकों में पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है.अलीगढ़, फ़िरोजाबाद, प्रयागराज, कासगंज समेत राज्य के कई दूसरे जिलों में सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया.मुख्तार अंसारी के आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
मुख्तार अंसारी के परिजनों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उनके भाई अफजाल अंसारी अन्य परिजनों के साथ बांदा रवाना हो गए.
मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने पिछले साल अपने पिता की जान को खतरा होने का अंदेशा जताया था और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.अदालत में दी गई याचिका में कहा गया कि मुख्तार अंसारी को भरोसेमंद जानकारी मिली थी कि उनकी जान को भारी खतरा है और उन्हें बांदा जेल में मारने की साजिश है.
मुख्तार अंसारी को फिरौती के एक मामले में साल 2019 से पंजाब की रूपनगर जेल में रखा गया था.लंबी अदालती लड़ाई के बाद 2021 में उन्हें उत्तर प्रदेश की पुलिस बंदा लेकर आई.तबसे वो वहीं पर बंद थे.
कांग्रेस ने मौत पर उठाया सवाल
कांग्रेस नेता और प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, “मुख्तार अंसारी ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है. और आज प्रशासन बता रहा है कि उनका दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. हाई कोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में जांच होनी चाहिए ताकि पता चले लोगों को कि जेलों में क्या हो रहा है?”