हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन के आत्महत्या मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसमें आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. यह मामला आईपीएस की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया है. चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक आईपीएस के ‘अंतिम नोट’ में जिन लोगों का नाम था उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.चंडीगढ़ के सेक्टर-11 पुलिस थाने में 156 नंबर की ये एफआईआर भारत न्याय संहिता की धारा 108, 3(5) और एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) के तहत दर्ज की गई है.कुमार ने अपने सुसाइड नोट में हरियाणा के 15 पूर्व और वर्तमान आईएएस और आईपीएस को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था. उन्होंने अपने अंतिम नोट में हरियाणा के पुलिस प्रमुख शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पुलिस प्रमुख नरेंद्र बिजारणिया पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
कौन थे वाई पूरन कुमार
वाई पूरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. वह मंगलवार (07 अक्टूबर) को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास में मृत पाए गए थे. उनके शरीर पर गोली लगने के निशान थे. कथित तौर पर उन्होंने सर्विस रिवॉल्वर से खुदकुशी कर ली थी. पुलिस को वहां से आठ पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला था. इसमें उन्होंने कई सीनियर अफसरों के नाम लिखे थे और उन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
चंडीगढ़ पुलिस की एसएसपी कंवरदीप कौर ने इतना बताया कि पूरन कुमार की पत्नी और हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अफसर अमनीत पी कुमार की ओर से दी गई शिकायत में सुसाइड नोट का हवाला दिया गया था. सुसाइड नोट को आधार मानते हुए ही आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है. सुसाइड नोट में जिनके नाम थे, उन्हें आरोपी बनाया गया है. एफआईआर की कॉपी बहुत जल्दी सार्वजनिक कर दी जाएगी.
आत्महत्या से पहले लिखे नोट में किन अधिकारियों का है जिक्र
पूरन कुमार ने जो आठ पेज का अंतिम नोट लिखा है, उसके शुरुआती सात पेजों में उन्होंने अपने साथ हुई प्रताड़ना की कहानी बयान की है. अंतिम पन्ने में अपनी पत्नी अमनीत पी कुमार के नाम वसीयत लिखी है. यह नोट इंग्लिश में टाइप किया गया और इसके आखिर में हरे पेन से साइन किए गए हैं. फाइनल नोट पर सात अक्तूबर की तारीख लिखी है. इस नोट में 15 पूर्व और वर्तमान आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम लिखे हैं. इनमें तीन आईएएस और 12 आईपीएस अधिकारी है. इनमें से चार रिटायर हो चुके हैं.इनमें दो आईएएस और दो आईपीएस अधिकारी हैं.बाकी के 11 अधिकारी अभी भी हरियाणा सरकार में सीनियर पदों पर तैनात हैं. चार रिटायर अधिकारियों में से भी तीन को सरकार ने महत्वपूर्ण पदों पर तैनात कर रखा है.
पूरन कुमार ने अपने नोट में राज्य के चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी और डीजीपी शत्रुजीत कपूर के साथ-साथ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ढिल्लो, संदीप खिरवार, संजय कुमार, कला रामचंद्रन, माटा रवि किरण, सिबास कविराज, पंकज नैन, कुलविंदर सिंह और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारणिया के नाम का उल्लेख किया है. चार रिटायर्ड अधिकारियों पूर्व चीफ सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल के नाम शामिल हैं.
आईपीएस की आत्महत्या पर क्या बोले राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वाई पूरन कुमार की आत्महत्या पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि वाई पूरन कुमार की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है, जो जाति के नाम पर इंसानियत को कुचल रहा है. जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा. रायबरेली में हरिओम वाल्मीकि की हत्या, सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का अपमान और अब पूरन जी की मृत्यु- ये घटनाएं बताती हैं कि वंचित वर्ग के खिलाफ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है. उन्होंने लिखा है कि बीजेपी-आरएसएस की नफरत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है. दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खोते जा रहे हैं. ये संघर्ष केवल पूरन जी का नहीं, हर उस भारतीय का है जो संविधान, समानता और न्याय में विश्वास रखता है.