तमिलनाडु के सलेम जिले के अट्टूर में निवासी 70 साल के दो किसान कन्नैयन और उनके भाई कृष्णन को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजा है.

यह नोटिस जुलाई में भेजे गए.दलित समुदाय से आने वाले इन किसानों का एक बीजेपी नेता से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है. इन किसानों ने बीजेपी नेता पर जमीन हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

ईडी की नोटिस पर किसानों की जाति लिखी

यह अभी भी साफ नहीं हुआ है कि 6.5 एकड़ कृषि भूमि के मालिक इन किसानों को ईडी ने नोटिस क्यों भेजा. इस मामले में एक विवादास्पद बात है कि ईडी के सम्मन के लिफाफे में किसानों की जाति का उल्लेख ‘हिंदू पलार’ के रूप में किया गया है. ईडी पर आरोप है कि वह दलित किसानों को परेशाव कर रही है. दोनों खेती-किसानी के अलावा 1,000 रुपये मासिक की पेंशन पर गुजारा करते हैं.

ईडी के सहायक निदेशक रितेश कुमार की ओर से किसानों को यह नोटिन 26 जून, 2023 को जारी किया गया था. समन के मुताबिक जांच अधिकारी रितेश कुमार धन शोधन निवारण के प्रावधानों के तहत जांच कर रहे हैं.दोनों किसानों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

किसानों को अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र की एक प्रति, अपने पासपोर्ट की एक प्रति, दो पासपोर्ट आकार की फोटो, अपने और अपने परिवार के सदस्यों के कर रिटर्न की प्रतियां, और उनके द्वारा किए गए निवेश का विवरण लाने के लिए कहा गया था. इसके अलावा दोनों के परिजनों के सदस्यों के नाम पर अचल संपत्तियों का विवरण, उनके और परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल संपत्तियों का विवरण, बैंक खातों का विवरण, उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर सावधि जमा, कृषि भूमि का विवरण और फसल उत्पादन का विवरण मांगा गया था.

बीजेपी नेता पर क्या हैं आरोप

कन्नियन और कृष्णन की वकील के मुताबिक समन में मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा था कि दोनों किसान भाइयों को पता नहीं था कि मामला क्या है. इस समन में उचित दस्तावेजों के साथ ईडी के सामने पेश होने के अलावा कुछ भी उल्लेख नहीं था.वकील का कहना है कि ये दोनों किसान जिस एकमात्र मामले से निपट रहे हैं, वह एक स्थानीय भाजपा पदाधिकारी द्वारा जमीन हड़पने का प्रयास का मामला है.

कन्नियन और कृष्णन के पास सलेम जिले के अट्टूर के पास रामनाइकनपालयम में 6.5 एकड़ कृषि भूमि है. वे सलेम भाजपा के पूर्व जिला सचिव गुनाशेखर के खिलाफ एक मुकदमा लड़ रहे हैं. दोनों ने बीजेपी नेता पर उनकी कृषि भूमि हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.कृष्णन की शिकायत के आधार पर, गुनाशेखर के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें 2020 में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. कृष्णन और गुनाशेखर के बीच भूमि विवाद के संबंध में अत्तूर अदालत में मुकदमा लंबित है.

कृष्णन ने बताया कि हमने सभी रिकॉर्ड के साथ जुलाई 2023 में ईडी अधिकारियों से मिले. उन्होंने हमें फिर से पेश होने के लिए कहा.हमने उनसे कहा कि हम किसी तरह जीवित हैं,कोई हम पर अवैध संपत्ति का आरोप कैसे लगा सकता है?

किसानों से क्या जानकारी मांगी ईडी ने

ईडी कार्यालय में किसानों से पूछताछ के लिए अंग्रेजी में एक प्रोफार्मा भरने को कहा गया. उसे उनके साथ आए वकीलों ने भर दिया. प्रोफार्मा में इस बात पर सवाल थे कि क्या उन्हें अतीत में FERA या FEMA उल्लंघन के तहत बुलाया गया था, गिरफ्तार किया गया था, हिरासत में लिया गया था या दोषी ठहराया गया था या सीमा शुल्क, DRI या आयकर अधिनियम के तहत किसी अपराध में शामिल थे.

उसी प्रोफार्मा में, किसानों को उनके वित्तीय प्रोफाइल के बारे में विवरण भरने के लिए कहा गया. इस पर किसानों ने लिखा कि उन्हें तमिलनाडु सरकार से 1,000 रुपये की वृद्धावस्था पेंशन मिलती है. उनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है.

वकील ने मीडिया को बताया कि जमीन की समस्या के कारण किसान पिछले चार सालों से अपना कृषि कार्य नहीं कर पा रहे हैं.उनकी आय का एकमात्र स्रोत वृद्धावस्था पेंशन है. वे तमिलनाडु सरकार की ओर से मिलने वाले मुफ्त राशन पर निर्भर हैं.

खेत गिरवी रखकर चेन्नई गए किसान
वकील के मुताबिक किसानों को ईडी कार्यालय में अपनी यात्रा के खर्चों को कवर करने के लिए अपनी जमीन 50 हजार रुपये गिरवी रखनी पड़ी. जब उन्हें चेन्नई में ईडी ऑफिस में आने का समन मिला तो उनके बैंक खाते में मात्र 450 रुपये थे.

वहीं बीजेपी नेता गुणशेखर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर तमिलनाडु पुलिस पर ईडी और बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया. वहीं सलेम बीजेपी ने गुणशेखर का बचाव करते हुए कहा है कि वे जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं कि शिकायत किसने दर्ज कराई है और ईडी ने किसानों को कैसे समन जारी किया है.

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